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स्वयं सहायता समूह और जागरूकता
04/03/2025 07:20:58
दिनांक 24-12-2024, को अशोक नगर जिले के ग्राम करैया बनेठ में आशा पारस फॉर पीस एंड हारमनी फाउंडेशन, भारत द्वारा स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह और उसके लाभ तथा गठन की जानकारी से अवगत करते हुए जागरूकता के उद्देश्य से परिचर्चा की गई जिसका विषय “स्वयं सहायता समूह और जागरूकता था। इस विषय पर निम्न विंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई - महिलाओं को स्वम् सहायता समूह के बारे में जागरूक करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें अपने आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद कर सकता है। स्वम् सहायता समूह एक ऐसा मंच है जहां महिलाएं एक साथ आती हैं और अपने साझा लक्ष्यों को, अपने आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास के लिए काम करती हैं। यह समूह महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। महिला स्वं सहायता समूह के मुख्य उद्देश्य हैं: 1. आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए। 2. सामाजिक सशक्तिकरण: महिलाओं को सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए। 3. व्यक्तिगत विकास: महिलाओं के व्यक्तिगत विकास के लिए। 4. समुदाय के विकास: समुदाय के विकास के लिए। महिला स्वं सहायता समूह के कार्य: 1. बचत और ऋण: समूह के सदस्यों को बचत करने और ऋण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 2. व्यवसायिक प्रशिक्षण: समूह के सदस्यों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। 3. स्वास्थ्य और पोषण: समूह के सदस्यों को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है। 4. महिला अधिकार: समूह के सदस्यों को महिला अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है। महिला स्वं सहायता समूह (एसएचजी) के गठन की प्रक्रिया और लाभ निम्नलिखित हैं: प्रक्रिया 1. महिलाओं की पहचान: समूह के गठन के लिए पहले महिलाओं की पहचान की जाती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और स्वं सहायता समूह में शामिल होने के लिए इच्छुक हैं। 2. समूह का गठन: पहचान की गई महिलाओं को एक साथ लाया जाता है और उन्हें समूह के उद्देश्य, लाभ और कार्य प्रक्रिया के बारे में बताया जाता है। 3. समूह का नाम और संविधान: समूह का नाम और संविधान तैयार किया जाता है, जिसमें समूह के उद्देश्य, कार्य प्रक्रिया और नियमों का उल्लेख होता है। 4. समूह का पंजीकरण: समूह का पंजीकरण स्थानीय प्रशासन या राज्य सरकार के साथ किया जाता है। 5. समूह की गतिविधियों की शुरुआत: समूह की गतिविधियों की शुरुआत की जाती है, जैसे कि बचत, ऋण, और अन्य आर्थिक गतिविधियाँ। समूह के लाभ 1. आर्थिक सशक्तिकरण: महिला स्वं सहायता समूह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करते हैं। 2. बचत और ऋण: समूह के माध्यम से महिलाएं बचत कर सकती हैं और ऋण प्राप्त कर सकती हैं जिससे वे अपने व्यवसाय या अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती हैं। 3. सामाजिक सशक्तिकरण: महिला स्वं सहायता समूह महिलाओं को सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करते हैं। 4. शिक्षा और प्रशिक्षण: समूह के माध्यम से महिलाओं को विभिन्न कौशलों और विषयों पर शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है। 5. नेटवर्किंग और सहयोग: महिला स्वं सहायता समूह महिलाओं को नेटवर्किंग और सहयोग के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने व्यवसाय और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती हैं। 6. स्वास्थ्य और पोषण: समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी और सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं। 7. महिला अधिकार: महिला स्वं सहायता समूह महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करते हैं। प्रश्न – 1- समूह को पंजीकृत करना जरूरी है क्या ? 2- समूह में बचत अगर करना एक दो बैठक में भूल जाएँ तो कोई समस्या तो नहीं होगी ? 3- समूह में से अगर किसी के शादी हो गई फिर समूह टूट जाएगा क्या ? 4- समूह कितने समय तक चलाना पड़ता है ? निष्कर्ष महिलाओं को स्वम् सहायता समूह पर जागरूकता एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें अपने जीवन में सुधार करने में मदद कर सकता है। स्वम् सहायता समूह महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक समर्थन, कौशल विकास और नेतृत्व विकास में मदद कर सकता है। महिलाओं को स्वम् सहायता समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें अपने जीवन में सुधार करने में मदद कर सकता है। साथ ही स्थानीय महिलाओं को स्वम् सहायता समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित किस प्रकार किया जा सकता है पर चर्चा हुई - कुछ निम्न कदम जिनके माध्यम से महिलाओं को स्वम् सहायता समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं- १. जागरूकता अभियान चलाना: जागरूकता अभियान चलाना एक अच्छा तरीका है जिससे महिलाओं को स्वम् सहायता समूह के बारे में जानकारी दी जा सकती है। २. समुदाय में काम करना: समुदाय में काम करना एक अच्छा तरीका है जिससे महिलाओं को स्वम् सहायता समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। ३. सफलता की कहानियां साझा करना: सफलता की कहानियां साझा करना एक अच्छा तरीका है जिससे महिलाओं को स्वम् सहायता समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
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